इंदिरा गांधी से जुड़ा है राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास, जानें कैसे हुई इस दिन की शुरुआत
National Girl Child
Day Significance and History :
बेटियों
को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने का दिन है राष्ट्रीय बालिका दिवस. यहां
जानिए इस दिन से जुड़ी दिलचस्प बातें.
National Girl Child Day |
देश-दुनिया
में आज भी तमाम जगहों पर लड़के और लड़कियों के बीच भेदभाव किया जाता है. बेटियों
को उनके तमाम अधिकारों से वंचित रखा जाता है. समाज में इन स्थितियों को दूर करने
और बेटियों को उनके सम्मान और अधिकारों के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day 2024) मनाया जाता है. हालांकि भारत
में इस दिन का इतिहास इंदिरा गांधी से जुड़ा हुआ है. आइए जानते हैं राष्ट्रीय
बालिका दिवस का इतिहास, थीम और इस दिन से जुड़ी अन्य
जानकारी.
राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास :-
राष्ट्रीय बालिका दिवस का मकसद :-
राष्ट्रीय बालिका दिवस का मकसद समाज में
बेटियों को लेकर हो रहे भेदभाव को दूर करना और उन्हें बराबरी का दर्जा दिलाना है.
ये दिन बेटियों को उनकी शक्ति, सामर्थ्य के साथ उन्हें उनके अधिकारों के प्रति
जागरुक करने का दिन है. बेटियों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार भी
तमाम प्रयास कर रही है. इसके लिए बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, महिला सम्मान बचत पत्र जैसी तमाम योजनाएं
चलाती है. इसके अलावा तमाम राज्यों में भी बेटियों के लिए कई तरह की स्कीम्स
चलाई जा रही हैं.
FAQS :-
1. राष्ट्रीय बालिका दिवस का
इतिहास क्या है?
राष्ट्रीय बालिका
दिवस इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के आदान-प्रदान से जुड़ा है। इस दिन समाज
में बेटियों के सम्मान और अधिकारों का महत्व बताया जाता है।
2. राष्ट्रीय बालिका दिवस कब
मनाया जाता है?
राष्ट्रीय बालिका
दिवस 24 जनवरी को मनाया जाता है।
यह दिन भारत में महिलाओं के महत्व और उनके अधिकारों को समझाने के लिए समर्पित है।
3. किसने राष्ट्रीय बालिका
दिवस की शुरुआत की?
राष्ट्रीय बालिका
दिवस की शुरुआत महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय ने 2008 में की थी। इसका उद्देश्य बेटियों के सम्मान और उनके
अधिकारों को प्रमोट करना है।
4. राष्ट्रीय बालिका दिवस का
मुख्य उद्देश्य क्या है?
राष्ट्रीय बालिका
दिवस का मुख्य उद्देश्य बेटियों के सम्मान और उनके अधिकारों को समझाना और बढ़ावा
देना है। यह दिन समाज में लड़कियों के सामाजिक स्थान को मजबूत करने का सन्देश देता
है।
5. राष्ट्रीय बालिका दिवस के
माध्यम से क्या सिद्ध होना चाहिए?
राष्ट्रीय बालिका
दिवस के माध्यम से बेटियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरुक करना चाहिए। समाज
में लड़कियों को सम्मानित करना और उन्हें बराबरी का दर्जा देना चाहिए।